हनुमान गायत्री मंत्र, ध्यान और त्रिकाल वंदना अर्थ सहित

हनुमान गायत्री मंत्र भगवान श्री हनुमान से बल, बुद्धि और विद्या पाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंत्र है। यह मंत्र व्यक्ति की मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों को बढ़ाता है।

आज के इस लेख में हम सबसे पहले हनुमान जी का ध्यान करेगें तदुपरांत हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ करेगें। साथ हीं साथ हनुमान जी को समर्पित त्रिकाल वंदना भी जानेगें।

हनुमान ध्यान

हनुमान ध्यानम स्तोत्र के माध्यम से भक्त भगवान् श्री हनुमान का स्मरण और ध्यान करते हैं जिससे उनमे शक्ति और सहस का संचार होता है। श्री हनुमान के गायत्री मंत्र के जाप के पहले नीचे दिए गए श्री हनुमान ध्यानम स्तोत्र को पढ़ें तदुपरांत उनके मंत्र का जाप करना शुरू करें।

हनुमान ध्यान

हनुमान गायत्री मंत्र | Hanuman Gayatri Mantra

हनुमान जी, जिन्हें आञ्जनेय, पवनपुत्र, और बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, सनातन धर्म में उनकी कृपा पाने के लिए कई साधना बताई गयी है।

हनुमान गायत्री मंत्र हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए उन शक्तिशाली और प्रभावी मन्त्रों में से एक है। इस मंत्र के माध्यम से हनुमान जी के दिव्य गुणों का स्मरण करते हुए भक्त उनके प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को प्रकट करते हैं। तथा उनसे आशीर्वाद और शक्ति की प्रार्थना करते हैं।

हनुमान गायत्री मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति में साहस, बल, बुद्धि और भक्ति का संचार करता है। तथा शीघ्र हीं श्री हनुमान की कृपा प्रदान करने वाला होता है।

वैसे तो हनुमान गायत्री मंत्र भी कई हैं परन्तु उनमें से ये तीन प्रमुख हैं, जो इस प्रकार हैं।

हनुमान गायत्री मंत्र

हनुमान गायत्री मंत्र
हनुमान गायत्री मंत्र

हनुमान गायत्री मंत्र अर्थ । Hanuman Gayatri Mantra Meaning

ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि ।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् ॥

मंत्र का अर्थ:

ॐ आञ्जनेयाय विद्महे: हम आञ्जनेय (अंजना के पुत्र) का ध्यान करते हैं।

वायुपुत्राय धीमहि: हम वायुपुत्र (वायु देवता के पुत्र) का ध्यान करते हैं।

तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्: वह हनुमान हमें प्रेरणा प्रदान करें तथा हमारी बुद्धि को ज्ञान की ओर ले चलें।

ॐ रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि ।
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ॥

मंत्र का अर्थ:

ॐ रामदूताय विद्महे: हम श्री राम के दूत श्री हनुमान का ध्यान करते हैं।

कपिराजाय धीमहि: हम कपिराज श्री हनुमान का ध्यान करते हैं।

तन्नो मारुति: प्रचोदयात्: वह मारुती नंदन श्री हनुमान हमें प्रेरणा प्रदान करें तथा हमारी बुद्धि को ज्ञान की ओर ले चलें।

ॐ अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि।
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ॥

मंत्र का अर्थ:

ॐ अन्जनिसुताय विद्महे: हम माता अंजनी के पुत्र श्री हनुमान का ध्यान करते हैं।

महाबलाय धीमहि: हम महाबली श्री हनुमान का ध्यान करते हैं।

तन्नो मारुति: प्रचोदयात्: वह मारुती नंदन श्री हनुमान हमें प्रेरणा प्रदान करें तथा हमारी बुद्धि को ज्ञान की ओर ले चलें।

हनुमान गायत्री मंत्र जाप विधि

यदि किसी गायत्री मंत्र का जाप पूर्ण स्वक्षता, ध्यान और विधिपूर्वक किया जाये तो इससे मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और वो भक्तों को शीघ्र हीं विशेष लाभ प्रदान कर देता है।

हनुमान गायत्री मंत्र के जाप करने की भी कुछ विधि और नियम होते हैं जिसे जानना बहुत जरुरी हो जाता है। तो चलिए अब जानते हैं Hanuman Gayatri Mantra जाप की सही विधि क्या है।

  • मंगलवार या शनिवार को किया गया हनुमान गायत्री मंत्र का जाप विशेष फल को प्रदान करता है।
  • मंत्र का जाप करने से पहले स्नान कर स्वक्ष वस्त्र धारण करें।
  • तत्पश्चात एक शांत और पवित्र और साफ स्थान पर जाप के लिए आसन लगाएं।
  • हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर को अपने सामने स्थापित करें।
  • जाप करने के पूर्व पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि श्री हनुमान जी को अर्पित करें।
  • अब सर्वप्रथम भगवान् श्री गणेश का ध्यान करें तत्पश्चात भगवान् श्री हनुमान जी का ध्यान करते हुए ऊपर बताये गए हनुमान ध्यान का पाठ करें।
  • अब आप रुद्राक्ष की माला से हनुमान गायत्री मंत्र का जाप शुरू करें।
  • Hanuman Gayatri Mantra का जाप 108 अर्थात 1 माला करना सर्वोत्तम फल प्रदान करता है। अगर समय के अभाव में ये संभव ना हो तो कम से कम 7, 11 या 21 बार मंत्र जाप जरूर करें।
  • जाप के बाद हनुमान जी की आरती करें, तदुपरांत उन्हें भोग अर्पित कर प्रसाद को वितरित करें।
  • अब हनुमान जी से प्रार्थना करें कि वे आपकी पूजा और जाप को स्वीकार करें। और अंत में जल छिड़क कर पूजा का समापन करें।
  • जितने दिन तक आप Hanuman Gayatri Mantra का जाप कर रहे हैं उतने दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें।

हनुमान गायत्री मंत्र के लाभ । Hanuman Gayatri Mantra Benefits

मंत्र शास्त्र के अनुसार हनुमान गायत्री मंत्र हमारे शरीर के अनाहत चक्र जो की हृदय के निकट स्थित होता है, पर चोट करता है। जिस वजह से अकारण लगने वाला डर और घबराहट में तुरंत कमी आ जाती है। यही कारण है कि हनुमान गायत्री मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति के जीवन में शांति, शक्ति, और समृद्धि लाता है, और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने में सहायता करता है।

चलिए अब हम Hanuman Gayatri Mantra के जाप से मिलने वाले कुछ विशेष लाभों को जानते हैं।

हनुमान गायत्री मंत्र के लाभ

मानसिक शांति और स्थिरता:

हनुमान गायत्री मंत्र का नियमित जाप चिंता और मानसिक तनाव को कम कर मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति की एकाग्रता और ध्यान क्षमता बढ़ती है।

साहस और आत्मबल की वृद्धि:

भगवान् श्री हनुमान बल और साहस का प्रतीक माने जाते हैं। अतः इस मंत्र का जाप व्यक्ति में आत्मबल और साहस को बढ़ाता है और उसे विषम से विषम परिस्थितियों में भी धैर्य और साहस के साथ कार्य करने की शक्ति प्राप्त होती है।

नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:

Hanuman Gayatri Mantra का जाप करने वाले व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा तथा किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों से बचा रहता है। इस मंत्र के जाप से हनुमान जी अपने भक्तों की सदा बुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं।

स्वास्थ्य होता है बेहतर:

हनुमान गायत्री मंत्र का जाप और हनुमान जी की उपासना से शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। यह मंत्र शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे शरीर और मन स्वस्थ और सक्रिय रहता है।

ज्ञान और बुद्धि में होती है वृद्धि:

सनातन धर्म में श्री हनुमान को बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। हनुमान गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति के बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाने में सहायक होता है।

संकट होते हैं दूर:

धर्म शस्त्रों में हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है। इस मंत्र का जाप से जीवन में आने वाले सभी संकट और विषमतायें दूर हो जाती हैं।

भक्ति में होती है वृद्धि:

रामभक्त श्री हनुमान भक्ति का साक्षात् रूप माने जाते हैं। श्री हनुमान की साधना व्यक्ति में भक्ति और आध्यात्मिकता का संचार करता है।

Hanuman Gayatri Mantra PDF

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हनुमान त्रिकाल वंदना

हनुमान त्रिकाल वंदना के माध्यम से हनुमान भक्त पुरे दिन में तीन बार अर्थात प्रातः काल, मध्यान काल तथा सायं काल में श्री हनुमान की विशेष वंदना करते हैं। इस वंदना के द्वारा भक्त श्री हनुमान के अतुलित बल, बुद्धि और श्री राम के प्रति उनके भक्ति का गुणगान करते हैं।

तो चलिए अब हम श्री हनुमान के त्रिकाल वंदना को पढ़ते हैं।

हनुमान त्रिकाल वंदना

हनुमान त्रिकाल वंदना हिंदी अर्थ

अब हम हनुमान त्रिकाल वंदना के हिंदी अर्थ को भी समझ लेते हैं जो इस प्रकार हैं।

सुबह के समय हनुमान जी की वंदना इस प्रकार की जाती है।

प्रातः वंदना

प्रातः स्मरामि हनुमन् अनन्त-वीर्यं
श्री राम-चन्द्र चरणाम्बुज चंचरीकम् ।
लंकापुरी-दहन नन्दित-देववृन्दं
सर्वार्थ-सिद्धि-सदनं प्रथित-प्रभावम् ॥

अर्थ: जो असीम शक्ति को धारण करते हैं, जो किसी मधुमक्खी की भांति सदा श्री रामचंद्र के चरणों में रहते हैं, जिसने लंकापुरी का दहन कर समस्त देवताओं को हर्ष प्रदान कराया था, जो समस्त सिद्धियों को धारण कर कुछ भी करने में सक्षम हैं, ऐसे भगवान् श्री हनुमान को मैं प्रातः काल में नमस्कार करता हूँ।

दोपहर के समय हनुमान जी की वंदना इस प्रकार की जाती है।

मध्याह्न वंदना

माध्यम् नमामि वृजिनार्णव तारणैका-धारं
शरण्य मुदिता-नुपम प्रभावम् ।
सीताधि सिंधु परि-शोषण कर्म दक्षं
वंदारु कल्प-तरुं अव्ययं आञ्ज्नेयम् ॥

अर्थ: जो हम सभी को भव सागर से पार करने वाले हैं, जो अपने भक्तों को अति प्रसन्न मुद्रा में आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जिसने माता सीता के दुखों का अंत कर अपने कार्य दक्षता का परिचय दिया तथा जो कल्पतरु के सामान समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं, ऐसे भगवान श्री हनुमान की मैं मध्याह्न काल में वंदना करता हूँ।

शाम के समय हनुमान जी की वंदना इस प्रकार की जाती है।

सायं वंदना

सायं भजामि शरणोप स्मृता-खिलार्ति
पुञ्ज प्रणाशन विधौ प्रथित प्रतापम् ।
अक्षां-तकं सकल राक्षस वंश
धूम केतुं प्रमोदित विदेह सुतं दयालुम् ॥

अर्थ: सायं काल में मैं उस भक्त-वत्सल अंजनेय स्वामी अर्थात श्री हनुमान को भजता हूँ, जो अपने शरण में आने वालों की सभी पीड़ाओं का नाश करने के लिए प्रसिद्ध है। जो अक्ष का अंत करने वाले हैं और समस्त राक्षस वंश के लिए धूमकेतु समान हैं, तथा जिन्होंने विदेह सुत अर्थात माता सीता के ह्रदय को भी जित लिया।

हनुमान त्रिकाल वंदना का नियमित पाठ करने से भक्तों को हनुमान जी का आशीर्वाद शीघ्र मिलता है और उनकी शक्ति, साहस, बुद्धि, और भक्ति में वृद्धि होती है। यह वंदना विशेष रूप से उनके भक्तों को बल और मानसिक शांति प्रदान करती है।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने Hanuman Gayatri Mantra, हनुमान ध्यान तथा हनुमान त्रिकाल वंदना से सम्बंधित बातों के बारे में विस्तार से जाना है। तो उम्मीद करता हूँ कि अगर आप भी भगवान् श्री हनुमान के आशीर्वाद को प्राप्त करना चाहते हैं तो इन मन्त्रों के जाप को अपने जीवन में जरूर शामिल करेगें।

तो दोस्तों, कैसी लगी श्री हनुमान जी से जुडी ये जानकारी। अगर अच्छी लगी हो तो अपने प्रियजनों के साथ इस पोस्ट को शेयर करना मत भूलें। आपकी एक लाइक और एक शेयर भी हिन्दू-धर्म को समर्पित Kubereshwar Dham के टीम को बल प्रदान करेगा, और समय समय पर हम आपके लिए ऐसे ही अद्भुत जानकारियां लाते रहेंगें।

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