आज के इस पोस्ट में हम राहु मंत्र जाप के बारे में वो सब कुछ जानेगें जिसे करने से आप राहु के अशुभ प्रभावों से बच सकते हैं। लेकिन इसके पहले हम ये जान लेते हैं की राहु के अशुभ और शुभ फल क्या क्या होते हैं।
कर्ज का बढ़ते जाना, सामाजिक बदनामी होना, शारीरिक कष्ट खासकर मोटापा, साँस और पेट सम्बन्धी तथा गुप्त रोग होना, कठिन परिश्रम के बाद भी असफल होना, सभी प्रकार के नीच कर्म जैसे कि चोरी, नशा, लड़ाई झगड़ा तथा ईर्ष्या करना, आर्थिक तंगी रहना, बार बार अपमानित होना इत्यादि राहु के अशुभ प्रभाव माने जाते हैं।
परन्तु वहीं अगर राहु मजबूत स्थिति में हो तो वो व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करने वाला बन जाता है। ऐसे में व्यक्ति के पास धन तथा प्रतिष्ठा की कोई कमी नहीं होती है। निडरता, आत्म-अनुशासन, एकाग्रता और आध्यात्मिक जागरूकता राहु के मजबूत स्थिति में होने की निशानी है।
तो आज के इस पोस्ट में हम राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के सबसे आसान तरीके के बारे में जानेगें।
राहु मंत्र के प्रकार
सनातन धर्म में किसी भी देवी देवता के आशीर्वाद को पाने का सबसे सुगम माध्यम,उनसे सम्बंधित मन्त्रों का जाप को बताया गया है।
राहु मंत्र, राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को समाप्त करने का सबसे आसान तरीका है। पूर्ण आस्था तथा विधिपूर्वक किया गया राहु मंत्र का जाप कुंडली में राहु को मजबूती प्रदान करता है, जिससे मनुष्य राहु के सकारात्मक ऊर्जा को बहुत हीं आसानी से प्राप्त कर लेता है।
राहु मंत्र विनियोग
किसी भी मंत्र की साधना शुरू करने के पहले उस मंत्र का विनियोग करना आवश्यक होता है। विनियोग के माध्यम से हम उस मंत्र की शक्ति का स्मरण करते हुए किसी खास मनोरथ के लिए जप का संकल्प लेते हैं।
राहु मंत्र विनियोग इस प्रकार है :
ॐ अस्य श्री राहू मंत्रस्य, ब्रह्मा ऋषि:, पंक्ति छन्द:, राहू देवता, रां बीजं, देश: शक्ति: श्री राहू प्रीत्यर्थे जपे विनियोग:
राहु बीज मंत्र | Rahu Beej Mantra
बीज मंत्र किसी भी देवी देवता के सकारात्मक प्रभावों को प्राप्त करने का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। बीज मंत्र के जाप के दौरान उत्पन्न हुई ध्वनियाँ जीवन की सभी नकारात्मकताओं को समाप्त कर देता है। राहु बीज मंत्र को कहीं कहीं राहु तांत्रिक मंत्र के नाम से भी जाना जाता है।
राहु बीज मंत्र के जाप से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है तथा आप पहले से ज्यादा स्पष्टता के साथ सही निर्णय करने योग्य बन जाते हैं। साथ हीं साथ राहु बीज मंत्र के जाप से आपमें आध्यात्मिक विकास भी प्रारम्भ हो जाता है।
राहु बीज मंत्र इस प्रकार है :
॥ ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ॥
राहु सात्विक मंत्र
नित्य प्रतिदिन जपने वाले मन्त्रों को सात्विक मंत्र के नाम से जाना जाता है। इन मंत्रों का जाप कोई भी मनुष्य बिना किसी विशेष आयोजन के कर सकता है। सात्विक मंत्र के निरंतर जाप से मन और आत्मा की शुद्धि होती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सात्विक राहु मंत्र के जाप से व्यक्ति के पाप कर्म बड़ी हीं आसानी से नष्ट हो जाते हैं और अंततः, धीरे धीरे उन्हें राहु के शुभ फल की प्राप्ति होने लगती है।
सात्विक राहु मंत्र इस प्रकार है :
॥ ॐ रां राहवे नम: ॥
राहु गायत्री मंत्र
सनातन धर्म में प्रत्येक ग्रहों और देवताओं की शक्ति पाने के लिए अलग अलग गायत्री मंत्र का प्रयोग किया जाता है। गायत्री मंत्र अत्यंत शक्तिशाली मन्त्रों में से एक माना जाता है।
राहु गायत्री मंत्र के निरंतर जाप से व्यक्ति को उनके शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है।
राहु गायत्री मन्त्र इस प्रकार है :
॥ ॐ नागध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥
॥ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात ॥
राहु शांति मंत्र
राहु शांति मंत्र के जाप के माध्यम से जीवन में आ रही अस्थिरता को समाप्त किया जा सकता है और बड़ी हीं आसानी से शीघ्र सफलता को प्राप्त किया जा सकता है।
राहु शांति मंत्र इस प्रकार है :
॥ ॐ राहवे देवाय शांतिम, राहवे कृपाए करोति ॥
वैदिक राहु मंत्र
सनातन धर्म में वेदों से लिए गए मन्त्रों को वैदिक मंत्र कहा जाता है। ऐसी मान्यता ही की वैदिक मन्त्रों को सिद्ध करना थोड़ा मुश्किल होता है, परन्तु यदि एक बार वो सिद्ध हो जाये तो उसका प्रभाव हमेशा बना रहता है और वो कभी नष्ट नहीं होता है।
राहु वैदिक मंत्र के जाप से आप सदा के लिए राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पा सकते हैं।
राहु वैदिक मन्त्र इस प्रकार है :
॥ ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा, कया शचिष्ठया वृता ॥
पौराणिक राहु मंत्र
किसी भी ग्रह या देवी देवताओं के आशीर्वाद को पाने के लिए हमारे पुराणों में भी कई मन्त्रों का उल्लेख मिलता है जिन्हे हम पौराणिक मन्त्रों के नाम से जानते हैं।
राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए भी पुराणों में कुछ मन्त्रों का उल्लेख है जो इस प्रकार है :
॥ ॐ अर्धकायं महावीर्य चन्द्रादित्यविमर्दनम, सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम ॥
अन्य प्रभावशाली राहु मन्त्र
अगर आप राहु की महादशा से पीड़ित हैं तो बताये गए इन मन्त्रों के अलावा दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जाप भी प्रतिदिन 108 बार कर सकते हैं। इस मंत्र के जाप से भी राहु की महादशा शीघ्र हीं समाप्त हो जाती है और व्यक्ति राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्त हो जाता है।
मंत्र-
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥
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तंत्रोक्तं देवीसूक्तम मंत्र
राहु मंत्र जाप के लाभ
सामान्यतः राहु को उसके अशुभ प्रभावों के लिए जाना जाता है। लेकिन अगर किसी जातक की कुंडली में राहु मजबूत स्थिति में हो तो वो व्यक्ति को सफलता और विलासता पूर्ण जीवन भी प्रदान कर देता है।
राहु मंत्र के जाप के माध्यम से आप राहु के अशुभ प्रभावों से बच उसके शुभ प्रभावों को बड़ी हीं आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि राहु मंत्र के जाप से हमें क्या क्या लाभ हो सकते हैं।
राहु मंत्र जाप के लाभ
- राहु मंत्र के जाप से मन से जुडी सभी प्रकार के विकारों जैसे मानसिक तनाव, संदेह या फिर अस्पष्टता को नियंत्रित किया जा सकता है। राहु मंत्र का जाप मन में स्थिरता, एकाग्रता और आत्मविश्वास को बढ़ता है।
- राहु मंत्र के जाप से सामाजिक प्रतिष्ठा और मान सम्मान में वृद्धि होती है और आपके व्यक्तित्व में सम्मोहन की क्षमता आ जाती है।
- अगर परिश्रम के बाद भी जीवन में बार बार असफलता हाथ लग रही हो तो उस स्थिति में राहु मंत्र का जाप बहुत प्रभावी सिद्ध हो सकता है। राहु मंत्र का प्रतिदिन किया गया जाप शीघ्र सफलता दिलाने वाला होता है।
- राहु की महादशा में व्यक्ति कई प्रकार के रोगों से घिर जाता है,ऐसी स्थिति में राहु मंत्र का जाप जातक को रोगों से मुक्त करता है।
- राहु मंत्र के जाप से अचानक धन की प्राप्ति भी संभव है।
- राहु की महादशा में व्यक्ति के प्रेम सम्बन्ध में खटास आने लगती है, ऐसे में राहु मंत्र का जाप प्रेम सम्बन्ध में मधुरता लाने का काम करता है।
- राहु की कुदृष्टि के कारण हीं हम अतीत में किये गए बुरे कर्म का फल भोगते हैं। ऐसे में अगर राहु मंत्र का जाप किया जाये तो मनुष्य के बुरे कर्म का प्रभाव कम जो जाता है।
- राहु मंत्र का निरंतर जाप जातक के बुरे भाग्य को भी बदल सकता है तथा उसे सभी प्रकार के भौतिक सुख प्रदान करने में सक्षम होता है।
- राहु बीज मंत्र के निरंतर जाप से सभी प्रकार के शत्रुओं का नाश हो जाता है।
- राहु मंत्र का जाप नकारात्मक ऊर्जा से आपकी रक्षा प्रदान करता है, और मन में सकारात्मकता का संचार करता है।
- राहु बीज मंत्र का निरंतर जाप मनुष्य के अंदर आध्यात्मिकता का विकास करता है, और व्यक्ति धार्मिक कार्य कलापों में रूचि रखने लगता है।
राहु मंत्र जाप विधि
- यदि आप राहु मंत्र का जाप शुरू करना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत किसी भी शुक्ल पक्ष के शनिवार से करना उत्तम माना जाता है।
- अलग अलग प्रकार के राहु मंत्र के जाप करने का उत्तम समय अलग अलग होता है परन्तु साधारणतः राहु मंत्र जाप करने का सबसे उत्तम समय सूर्यास्त के बाद होता है। आप राहु मंत्र का जाप सायंकाल या रात्रिकाल में कर सकते है।
- राहु मंत्र के जाप को करने के पहले स्नान करें फिर हो सके तो नीले रंग के स्वक्ष वस्त्र धारण करें तदुपरांत किसी शांत वातावरण का चुनाव कर उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएँ।
- अब अपने सम्मुख माँ काली या गायत्री के यन्त्र को स्थापित करें। और फिर उस यन्त्र पर नीले रंग का फूल और चन्दन समर्पित करें। ऐसा करने से राहु मंत्र की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है और राहु के अच्छे प्रभाव शीघ्र आने शुरू हो जाते हैं।
- राहु मंत्र को जपने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग सर्वोत्तम होता है।
- शास्त्रों में अलग अलग राहु मन्त्रों के जाप की संख्या अलग अलग बताई गयी है। राहु बीज मंत्र, राहु गायत्री मंत्र तथा राहु सात्विक मंत्र को 108 बार जाप करना सर्वोत्तम माना गया है।
- जब तक आप राहु मंत्र का जाप कर रहे हों तब तक कोशिश करें की आप मांसाहार और किसी भी प्रकार के नशा करने से दूर रहें।
- राहु की महादशा से शीघ्र निकलने के लिए आप लगातार 40 दिनों तक राहु बीज मंत्र का जाप करें। और इन 40 दिनों में मंत्र जाप की कुल संख्या 18000 होनी चाहिए।
- और अंत में सबसे जरुरी बात ये है की राहु मंत्र का जाप आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें, तभी इन मन्त्रों का पूर्ण लाभ आप पा सकते हैं।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने राहु मंत्र से सम्बंधित सभी बातों जैसे की राहु मंत्र के प्रकार, राहु मंत्र जाप विधि, राहु मंत्र जाप के लाभ और राहु मंत्र जाप कब और कितनी बार करना है, के बारे में विस्तार से जाना है। तो उम्मीद करता हूँ कि अगर आप भी राहु के शुभ प्रभावों को प्राप्त करना चाहते हैं तो राहु मन्त्रों के जाप को अपने जीवन में जरूर शामिल करेगें।
तो दोस्तों, कैसी लगी राहु मंत्र जाप के लाभ से जुडी ये जानकारी। अगर अच्छी लगी हो तो अपने प्रियजनों के साथ इस पोस्ट को शेयर करना मत भूलें। आपकी एक लाइक और एक शेयर भी हिन्दू-धर्म को समर्पित Kubereshwar Dham के टीम को बल प्रदान करेगा, और समय समय पर हम आपके लिए ऐसे ही अद्भुत जानकारियां लाते रहेंगें।